فى ليلك السارى – ماجدة الرومي

ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليل

ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليل

ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليل

في ليلك الساري
ضيعتُ مشواري
في ليلك الساري
ضيعتُ مشواري
وسرتُ هائمهً
لا قلبَ يكفيني
لا وجهَ يهديني
ما همّني خطرٌ
ما دُمتَ يا قمري
ناري وانواري

ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليل

ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليل

ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليل

ما الليلُ يا قمري
الاكَ في نظري
ما الليلُ يا قمري
الاكَ في نظري
بالشوقِ يغمرني
بالوردِ يغرقني
بالشوقِ يغمرني
بالوردِ يغرقني
بالعودِ بالوترِ
يختالُ في داري

ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليل

ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليل

ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليل

حسبي انا الوعدُ
يا ليلُ لو نغدو
حسبي انا الوعدُ
يا ليلُ لو نغدو
شوقاً لموعدِنا
نلقاهُ في غَدِنا
شوقاً لموعدِنا
نلقاهُ في غَدِنا
حيث الهوى يشدو
في ليلك الساري

ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليل

ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليل

ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليلي
ليلي ليلي ليل

ليلي ليلي ليلي
ليل

كلمات: الناصر

ألحان: عبد الرب ادريس